बाड़मेर जिला प्रशासन की पहल,बेरियों का होगा जीर्णाेद्वार

-जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देशन मंे प्रथम चरण मंे होगा 1000 बेरियांे का जीर्णाेद्वार।
बाड़मेर, 17 मई। आमतौर पर पेयजल संकट से मशक्कत करने वाले बाड़मेर जिले के सरहदी इलाकांे के बाशिंदांे के लिए जिला प्रशासन के प्रयास अनूठी सौगात लेकर आएंगे। इसके लिए बाड़मेर जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देशन मंे अनूठी पहल करते हुए परंपरागत जल स्त्रोतांे बेरियांे के जीर्णाेद्वार की कार्य योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है।
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के मुताबिक बाड़मेर जिले मंे 1790 बेरियांे को चिन्हित किया गया हैं। इसमंे से 432 बेरियांे का इस्तेमाल ग्रामीणांे की ओर से जल स्त्रोत के रूप मंे किया जा रहा हैं।  मनरेगा मंे परंपरागत जलस्त्रोत बेरियांे के जीर्णोद्वार की कार्य योजना तैयार की गई है। उनके मुताबिक प्रथम चरण मंे 1000 बेरियांे का जीर्णाेद्वार करवाया जाना प्रस्तावित है, ताकि ग्रामीण को इसका अधिकाधिक फायदा मिल सके। इन बेरियांे मंे जमा हो चुकी मिटटी यथा गाद निकालने का कार्य करवाया जाएगा। इनके ऊपर बेसमंेट का निर्माण कराने के साथ घिरनी लगाई जाएगी। ताकि ग्रामीणांे को बाल्टी से पानी निकालने मंे सहुलियत हो। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित विकास अधिकारियांे को इसके प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि बाड़मेर जिले की शिव, गडरारोड़, सेड़वा, धनाउ समेत कुछ अन्य पंचायत समितियांे के कई गांवांे मंे ग्रामीण पानी के लिए परंपरागत जल स्त्रोतांे बेरियांे पर निर्भर है। आमतौर पर इसमंे भूमिगत जल नहीं होता, लेकिन रिस-रिसकर सेजे का पानी का एकत्रित होता है। इसमंे कई बेरियांे मंे 15 से 20 मटकी तो कुछ मंे इससे अधिक मात्रा मंे पानी उपलब्ध हो जाता है। इसमंे पानी समाप्त होने के 3-4 घंटे बाद वापिस सेजे का पानी रिसकर एकत्रित हो जाता है।
सीईओ समेत कई अधिकारियांे ने किया सर्वेः बेरियांे के जीर्णाेद्वार के लिए जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू, मनरेगा के अधिशाषी अभियंता भेराराम बिश्नोई, सहायक अभियंता राजेन्द्रसिंह के साथ कई पंचायत समितियांे के विकास अधिकारी एवं तकनीकी अधिकारी पिछले कुछ दिनांे से लगातार ग्रामीण इलाकांे के दौरे पर रहे। करीब एक सप्ताह तक परंपरागत जल स्त्रोतांे बेरियांे का सर्वे किया गया। उन्हांेने मौके पर बेरियांे की स्थिति का जायजा लेने के साथ पानी की आवक के बारे मंे ग्रामीणांे से जानकारी ली।